apna sach

बुधवार, 2 जून 2010

जब वे बाते करते है

जब एक कह रहा होता है
और दूसरा सुन रहा होता है
तो ये उनकी आपबीती
रहती है
एक का अनुभव
दूसरे का भुगता रहा होता है
एक का डर
दूसरे की आशंका होती है
एक का सपना
दूसरे की आशा होती है
उनके बातचीत का दायरा
उन्ही तक सिमटा होता है
हम तुम से बात कर रहे
दोनों शख्स
जब तीसरे की बात करते है
तो निश्चय ही
वह आदमी
उनका मालिक रहता है
और वे
उनके मजदूर ।