apna sach

शनिवार, 30 अगस्त 2025

आवाजें

 कानों में आवाजों की परतें ,

        उन परतों में ढेर सारी आवाजों के दृश्य ,

अनमयस्क सी बीत रहे पलों को जी कर 

जब उनके बारे में सोचा तो,

            वहाँ आवाजें नही थी ,

 और वो अभी  भी 

     कानो से आ रही एक धीमी  

       शोर से घिरा था। 

यादों की एक तह

 अतीत में 
अहसासों की एक याद
 वर्तमान में इस तरह गुजरता है
कि अतीत ही भविष्य का 
वर्तमान हो जाता है 
हम काल के एक चक्र में ऐसे
घूमते रहते है कि जहां समय तो रहता है
पर वह हमारी यादों से बंधा रहता है