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मंगलवार, 18 जुलाई 2023
पास ही
खुद को ढूंढता हुआ मैं
खुद से बाहर निकलता हूँ
स्वयं में जब मैं होता हूँ
स्वयं का नही रहता
बहुत सी आवाजों में दबकर
स्वयं को बाहर निकालता हूँ
न मैं अन्दर रह पाता हूँ
और न ही बाहर
ये जो पास में बैठा शख्स है न
वो मैं ही बना बैठा हूँ
अपने करीब में ।
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