apna sach

गुरुवार, 27 अक्तूबर 2022

क्षरण

उसने कहा कि
खत्म हो जाना चाहिए तुम्हें अब तक
मैंने बोला
हो तो रहा हूँ मैं धीरे  धीरे,
खाली हो रहा हूँ अन्दर से,
बस मन ही भर गया हैं।

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