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शनिवार, 17 अप्रैल 2010
प्रतिफल
धान की फूटती बालियो
को देखते हुए
उसकी जड़ो में सरकते
पानी की तरह
हम अपने कर्मो के
प्रतिफलो का
हमेशा विस्तार देखते है
1 टिप्पणी:
Ra
ने कहा…
कम शब्दों में , बड़ी बात इसे ही कहते है !
17 अप्रैल 2010 को 12:49 pm बजे
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1 टिप्पणी:
कम शब्दों में , बड़ी बात इसे ही कहते है !
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