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बुधवार, 24 फ़रवरी 2010
कुछ रूमानी है
तुम्हारे बहुत पास
गुजर कर देखा
तुम्हारी उस झुकती
नजर को देखा
तुम्हारी बोलती खामोश
जुबां को देखा
नजरे मिली तो
नजर हटा के देखा
दिखा तो सब कुछ
मगर सब 'तुम्हारे ' सिवा
1 टिप्पणी:
jeet
ने कहा…
bahut acha poonam ji bdhai ho
24 फ़रवरी 2010 को 9:25 pm बजे
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1 टिप्पणी:
bahut acha poonam ji bdhai ho
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