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सोमवार, 15 फ़रवरी 2010
जिंदगी
जिंदगी
हमेशा
जीती
हुई
नहीं
होती
,
दर्द
में
हमेशा
उदास
सी
नहीं
होती
,
कभी
लड़खड़ाती
है
तो
भुजाए
सहारे
का
प्रयास
करती
है
,
कभी
थककर
,
कभी
यूँ
ही
आराम
करती
है
,
कभी
उम्र
,
कभी
वक्त
कभी
मिजाज
का
नाम
लेकर
जिंदगी
यूँ
ही
कई
रंग
बिखेर
जाती
है
।
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