चलते -चलते ही हमारे अनुभव ही
हमारी जिंदगी बनते है
हमारे अहसास व आशाओं के बीच ही
स्वप्न पलते है
कुछ कड़वी यादें साथ ही रहती है
कुछ अजीब अनुभव हमारे बीच पलती है
स्वप्नों के बीच वास्तविकता
व वास्तविकता में स्वप्न का उदभव
न हम तोड़ पाते है और न ही छोड़ पाते है
2 टिप्पणियां:
aur inhi yaadon ke sahare hamari jindagi kat jaati hain.
एक टिप्पणी भेजें