कहाँ खो गया
क्या हो गया
वो जहाँ ,कहाँ पर सो गया
मै ढूढता रहा उसे
वो उम्र में छुपता रहा।
उसे कैनवस पर न उतार सका
कही बातो में न पा सका
वो जुबां से परे रहा
वो दृष्टि से लोप रहा
मै टटोलता रहा उसे
वह अहसास से परे रहा।
मै गम भी न मना सका
न वो उम्मीद में आ सका
वो कही था, तो यही रहा
अब गया कहाँ ,जो कही नहीं
मै सोचता रहा उसे
वो समझ से परे रहा ।
2 टिप्पणियां:
sach hi to hai jo beet gaya wo kahaan vaapas aata hai
sach hi to hai jo beet gaya vo vaapas nahin aata hai
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