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मंगलवार, 2 सितंबर 2025

लकड़ी का कोयला

धरती ने मिटटी व् पत्थरो के अलावा 

जो कुछ बचा था शेष ,

धीरे धीरे अपने में समेटते हुए 

वर्षो बाद उन्हें कोयले में बदल दिया,

 

वही मनुष्यो ने पेड़ काटे ,मकान  बनाये 

जब जरुरत हुआ ,सुखी लकड़ियों को जला 

आग तापी ,

फसल काटने के बाद ढूढ हुई ,

तनो व् जड़ो में आग लगा दिए ,

पल भर में घर फूकं दिए 

अपना नहीं किसी और का ,

कभी ये आग से खेले 

तो कभी आग इनके साथ खेल गया ,


हम लोगो ने बचपन में,

खेलने के लिए इन लकड़ी के कोयले से

 धरती  पर कई लाइनें खींच दी।  


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