फैल जाती है पेड़ो की बाँहे
अपने आसपास
किसी को सहारा मिल जाता है
तो कहीं छाँव
इस सहारे की एक कीमत
यह भी है
अपने जैसो को ये
पनपने ही नहीं देती।
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