apna sach

सोमवार, 1 सितंबर 2025

जीवन और हम

कभी चेहरे की मुस्कराहट के पीछे 

छिप जाते है हम ग़मों के साथ ,

और कभी 

जीवन के उलझते क्षणों में 

हसीं ही उबार लेती है हमें ,

जीवन में सुख दुःख तो आते रहते है ,

एक हमें ही ठहरना है 

एक वजूद के साथ। 

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